Friday, April 3, 2009

ELECTION PERIOD IS THE FESTIVAL OF PUBLIC AWARENESS

विराट जागे

नौटंकी
सबलोग साथमें गाते है अपने नोर्मल ड्रेसमें
एक नया इतिहास रचे हम एक नया इतिहास रचे हम
धाराके प्रतिकुल नाव रखें हम एक नया इतिहास रचें हम
...........
(गुजराती लोग अपने राज्यमें झवेर चंद मेघाणीका " अमे जंगल ने झाडीमांथी, पर्वत ने पहाडीमांथी, ..... सुणी साद आव्या .... " वाला सहगान गाने का)
उसके बाद सबको अपनी अपनी जगह ले लेनेकी
बेक ग्रांउन्डमे "विराट जागे" बेनर रखनेका
सुत्रधार (जोरसे पूकारता है); बंधु ओ बंधु .... बंधु ओ बंधु .... बंधु ओ बंधु .... कहां गया बंधु.... बंधु ओ बंधु .... बंधु ओ बंधु .... बंधु ओ बंधु .... अबे ओ बंधु ओ बंधु ....
सहायक; आया सा'बजी आया, आया सा'बजी आया, आया सा'बजी आया
सुत्रधार; हां तो बन्धु, मैं क्या कहेता था?
सहायक; आप ही बताइए न सा'ब. आप ठीक तरहसे बता पाएंगे, मै शायद कुछ गलती भी कर सकता हूं न. आप ही बताइए.
सुत्रधार; हम यहां क्यूं आये हैं? बोलो हम यहां क्यूं आये हैं?
सहायकः आप ही बताइए न सा'ब. आप ठीक तरहसे बता पाएंगे, मै शायद कुछ गलती भी कर सकता हूं न. आप ही बताइए.
सुत्रधार; हम यहां संदेश लेकर आये हैं. हम यह संदेश ये लोगोंके सामन कैसे प्रस्तुत करेंगे?
सहायकः आप ही बताइए न सा'ब. आप ठीक तरहसे बता पाएंगे, मै शायद कुछ गलती भी कर सकता हूं न. आप ही बताइए.
सुत्रधारः हम हमारा संदेश ड्रामाके जरीये प्रस्तुअ करेंगे.
सहायकः यानी हम एक नाटक करेंगे और इस नाटक के माध्यमसे हम संदेश देंगे, यही ना?
सुत्रधारः सही बताया तुमने, अब तुम भी होशियार हो गये हो
सहायकः आपकी एनायत है, जनाब.
सुत्रधारः चलो ठीक है, मस्का-पालीश का समय नही है. बोलो नाटकका नाम क्याहै?
सहायकः नाटकका नाम है "विराट जागे". लेकिन सा'ब "विराट जागे" का मतलब क्या है?
सुत्रधारः विराट का मतलब है "आम जनता" जैसे की मैं, तुम, और ये सब लोग.
सहायकः लेकिन हम सब तो जगे हूए ही है ने. देखो न, मेरी, आपकी, इन सब लोगोकी आंखे तो खूली हूई ही है न? बंद कहां है?
सुत्रधारः नही बन्धु, मै ये चर्म-चक्षुकी बात नही करता हुं. मैं ग्यान चक्षुकी बात करता हुं.
सहायकः ये चर्म चक्षु और ग्यान चक्षु क्या होता है?
सुत्रधारः देखो (आंखे दिखाके) ये चर्म चक्षु है. और जो चीज हम दिमागसे सोचकर समझते है उसको ग्यान कहते है.
सहायकः मतलब की हम भी परमेश्वरकी तरह तीन नेत्र वाले है?
सुत्रधारः हां. सब मे शिवजी का अंश होता है, लेकिन जब ग्यान होताहै तब.
सहायकः लेकिन हम तो लिखना पढना जानते है और जगे हुए है तो सही?
सुत्रधारः नही हम कई लोग सोए हुए है. समझते नही है, डरते है, झगडते है, मील कर काम नही करते है. हम दरसल सोए हुए है.
सहायकः क्या हम कभी जगते नही?
सुत्रधारः कभी कभी जगते है, परंतु फिर सो जाते है. १९७७ में जगे थे. फिर सो गये. हमे हमेशा जगते रहेना है. १९९९में कछ लोग जगे फिर २००४मे सो गये. अब इस समय अगर हम समझेगे नही तो हमेशा सोते ही रहेंगे तो फिर बहोत देर हो जाएगी. अगर हम जगकर मिलकर भ्रष्टाचारको यानीकी भ्र्ष्टाचारी सरकारको भगाएंगे तभी तो देश आगे बढेगा.
सहायकः मतलब हमे विराटको जगाना है, लेकिन ये भ्रष्टाचार क्या होता है?
सुत्रधारः देखो सामने, जाके देखलो, (सहायक वहां जाके सबकी टोपीयां जोरसे पढता है.) ढोंग्रेस, फासफुसीया, माफिया, मारफाडीया, नारदीया, ४२०, दाणचोरीया, तोडफोडीया, घुसणखोर, अलेल टप्पु, नादान, चक्रम, लबाडी, नीचकोटी, रिश्वतखोर, पेटु, देशद्रोही, लघु द्रष्टी, बेखबर पत्री, आयारामा - गयाराम
जी हां, हम इस भ्रष्टाचारीयोंको हराके भगाएंगे.
(बेकसीट ड्राइवरके पीछे जो मोटा आदमी जिसकी टोपी के उपर "भ्राष्टाचार" लिखा हुआ है और गलेमेंसे "भ्रष्टाचार्यासुर"का बोर्ड छाती उपर लटकाया होताहै वह अट्टाहास्य करता हुआ आता है)
भ्रष्टाचार्यासुरः हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं .....
मैं उपर हूं...., मैं नीचे हऊं ...., मै आगे हूं .... मैं पीछे हूं.... मैं दाये हूं.... मैं बाये हूं.... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं .....
(भ्रष्टाचार घुमता रहेता है और वो राक्षसकी तरह पंजा दिखाके पब्लिक की लाईनमें सबको डराता हुआ बोलता रहता है और घुमता घुमता बोलता है)
मैं गांव मे हूं .... मैं शहरमें हूं... मै महानगरोमें तो विशाल हूं.... और देल्हिमॅं तो भयो भयो हूं..... हां मैं देल्हिमें तो भयो भयो हूं... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं .....
मैं मेनेजरमें जनरल मेनेजर हूं, जनरल मेनेजरोंमे मैं चिफ जनरल मेनेजर हूं, एन्जिनियरोमें मैं चिफ एन्जिनियर हूं और डायरेक्टरोमें मैं डायरेक्टर जनरल हूं, मैं वर्करोमें लीडर हूं और लीडरॉमें जनरल सेक्रेटरी हूं, सीयासत में मैं पार्टी हूं और पार्टीयोमें मै ढोंग्रेस-कोंग्रेस हूं और उसके साथी भी मैं ही हूं, ढोंग्रेसमें मैं मन्त्री हूं और उसका भी मै प्रमूख हुं. हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं .....
मैं स्वतंत्रता के पहेले भी था और उसके बादमें तो भयो भयो भयो हूं. ठेके में हूं , ठेके लेनेमें में हूं और ठेके देनेवालोमें तो भयो भयो हूं, मै सुरक्षाकी जीपोंमें था, हिमालयकी ब्लन्डरमें था और काश्मीरमें तो भयो भयो हूं, मैं लोटरीमें था, मैं फोडर मशीनमें था, छोटी सादडीमे और छोटी सादडीमें तो भयो भयो भयो था.
सहायक; सुत्रधारजि, सुरक्शा की जीप, हिमालयन ब्लन्डर वैगेरे वैगेरे सब क्या है?
सुत्रधारः ये सब ढोंग्रेस के कौभान्ड और मूर्खता की मिसाले हैं. ढोंग्रेसके सुरक्शा मंत्री ने सुरक्शा दलोंके लिये फोरेनसे जीपोंका ओर्डर दीया था. लेकिन एक भी जीप चली नही थी. चिन का आक्रमण हुआ तो हमारे जवानोंके पास ठंडीसे बचने के लिए कपडे नहीं थे. काश्मीरमें जो कोइ आर्थिक मदद करते थे वो सब गायब हो जाती थी, चीनके आक्रमणके समय लोगोंसे मदद मांगी गई तो लोगोंने अपने गहने तक देदिए. वे गहनोंका कोइ अतापता नही और हिसाब नही. जब छोटी सादडीसे कुछ गहने सीएमसे घरसे मिले तो ढोंग्रेसी सीएमने बोला कि, मेरी मां वेश्या थी तो उसके पास तो गहने खूब ही आते थे. फोडर मशीन एक एरकन्डीशन मशीन है होता है, जो करोड रुपयोंका आता है. ऐसे कई सारे मशीन विदेशसे मंगवाये गये. वे बर्फिले प्रदेशमें उअसके अंदर घास उगाइ जाती हैं.
सहायकः लेकिन भारतमें तो ज्यादातर जगहोंमे तो बर्फ पडती ही नहि है, और जहां भी पडती है, वो तो हिमालयकी पहाडीयोंमे पडती है वो भी दो तीन महिने ही ज्यादासे ज्यादा. अच्छा तो उस मशीनोंका क्या हुआ?
सुत्रधार; कोइ अतापता नहीं
भ्रष्टाचार; हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं ..... ,
बोलो मैं आपकी सेवामें हूं .... मैं आपकी सेवामें हूं .... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं .... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं अर्जुनकी लोटरीमें हूं, स्टेट बेंक नगरवाला में हूं, कुवेतकी ओइल के आयातमें हूं, मै जनताकार में भयो भयो हूं.
सहयकः सुत्रधारजी, ये लोटरी, ये नगरवाला, ओएल की आयात ... जनताकार ये सब क्या है?
सुत्रधारः ढोंग्रेसके मंत्रीजीने एक लोटरी निकाली थी, उसका हिसाब गायब. ढोंग्रेसके प्रधान मंत्री का नगरवाला नामका एक सिक्योरीटी ओफिसरथा. कहेते है कि, ईन्दीराजीकी आवाजसे उअसने देहली की स्टेट बेंकमें फोन कीया, कि, मेरे आदमीको ६० लाख रुपया दे दो. फिर नगर वालाजी वो पैसे ले लिये. फिर उसके सामने केस २४ घन्टोमें चल गया. उसको जेलमें डाल दिया. पार्लामेंटमें इस बात पर बडा हंगामा हूआ. एक इन्स्पेक्टने जांच शुरु की. वो भी मर गया और नगरवाला भी जेलमें ही मर गया. बडी मजेकी बात तो यह है कि, प्रधानमंत्रीको कोर्टमें बयनके लिये बुलाया तक नहीं गई जो कायादाके हिसाबसे जरुरी था.
सहायक; ये जनताकार क्याहै?
सुत्रधारः १९५०का, भरतवर्षका एक सपना था कि, भारतमें ५०००/- रुपयेमें बिक सके ऐसी एक कार बनाइ जाय जिसे आम जनता उसका उपयोग कर सके.
सहायकः ५००० रुपयेमें कभी कार बन सकती है?
सुत्रधार; यह तो १९५० की बात है. उस जमाने के ५००० रुपये तो आजके २ लाख रुपये बरबर है.
सहायकः तो उसका क्या हुआ? वह कार नही बनी?
सुत्रधारः बनाने दो तो बने ने? मुख्य मंत्री ने सोचा मेरा पोता बडा होगा और वही बनाएगा. दुसरा कोइ क्यूं बनावे?
सहायकः फिर क्या हुआ?
सुत्रधारः अरे अभी ये नाटक देखो. धीरे धीरे सब पता चलेगा.

भ्रष्टाचार; हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं ..... ,
मैं भ्रष्टाचारहूं ..... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं ... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं ... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं

भ्रष्टाचार बीचमें कूर्सी लगाके बैठता है. (कूर्सीके नीचे कूछ कागजके बंडल रख्खे जाते है)

भ्रष्टाचार; चमचे ..... ओ चमचे .... चमचे .... ओ चमचे ..... साले कहां गए सब चमचे ...... चमचे .... ओ चमचे ..... चमचे .... ओ चमचे ......
अरे एल्युमिनियमके चमचे ओ एल्युमिनियम के चमचे .... कहां गया तू ? अरे एल्युमिनियमके चमचे ओ एल्युमिनियम के चमचे .... कहां गया तू ? अरे एल्युमिनियमके चमचे ओ एल्युमिनियम के चमचे .... कहां गया तू ?
अरे स्टेइनलेस स्टील के चमचे ..... ओ स्टेइनलेस स्टीलके चमचे ..... अरे स्टेइनलेस स्टील के चमचे ..... ओ स्टेइनलेस स्टीलके चमचे ..... अरे स्टेइनलेस स्टील के चमचे ..... ओ स्टेइनलेस स्टीलके चमचे ..... कहां गया तू? अरे स्टेइनलेस स्टील के चमचे ..... ओ स्टेइनलेस स्टीलके चमचे ..... अरे स्टेइनलेस स्टील के चमचे ..... ओ स्टेइनलेस स्टीलके चमचे ..... अरे स्टेइनलेस स्टील के चमचे ..... ओ स्टेइनलेस स्टीलके चमचे ..... कहां गया तू?
अरे ओ चांदीके चमचे ..... ओ चांदीके चमचे ..... ओ चांदीके चमचे .... अरे ओ चांदीके चमचे ..... ओ चांदीके चमचे ..... ओ चांदीके चमचे ... अरे ओ चांदीके चमचे ..... ओ चांदीके चमचे ..... ओ चांदीके चमचे ... कहां है तू ....
अरे ओ सोने के चमचे .... ओ सोने के चमचे ..... अरे ओ सोने के चमचे .... ओ सोने के चमचे ..... अरे ओ सोने के चमचे .... ओ सोने के चमचे ..... कहां सो गया है तू ?
अबे ओ प्लेटीनमके चमचे..... ओ प्लेटीनमके चमचे ..... अबे ओ प्लेटीनमके चमचे..... ओ प्लेटीनमके चमचे ..... अबे साले सब चमचे कहां गए ....
एक पात्र जिसने चमचेकी टोपी लगाई है जिसमें पीछे प्लेटीनम लिखाहुआ होताहै वो आगे आता है ....
चमचाः जि हजूर मैं तो यहां पर ही हुं जि हजूर मै आपको छोडके कैसे जा सकता हूं? हजूर आप फरमाइए... मै आपकी क्या सेवा कर सकता हूं ...
सुत्रधार (जनतासे); ये तो इसका बंधवा है .... बंधवा गुलाम है ... वो कैसे जा सकता है? ही .... ही .... ही ....
भ्रष्टाचारः देखो... पता करो... कोई मुलाकाती है?
चमचा (आवाज लगाता है); अबे जनता कोइ है ? कोइ है? ... पचास पचास सालोंसे आपकी सेवामें व्यस्त रहे है,और आप गरीबोंके गरीब पूरखोंकी सेवा और अब आप गरोबोंकी सेवा और बादमे आपके गरिब संतानोंकी सेवा का करना जिन्होने अपना परम पारिवारिक परंपरागत कर्तव्य समजा है ये महा कोंग्रेसी महामाया पार्टी आज आपके द्वारोकों पवित्र करने आई है. जो कोइ भी समस्या हो सामने लाइ जाए.
जनता (जिसके कपडे तुटे फुटे है भ्रष्टा चारके पैरोको पकड लेता है) मालिक बचाओ, मुझे बचाओ, मालिक मुझे बचालो, जल्दी बचालो.... मालिक बचाओ, मुझे बचाओ, मालिक मुझे बचालो, जल्दी बचालो.... मालिक बचाओ, मुझे बचाओ, मालिक मुझे बचालो, जल्दी बचालो.... मैं और मेरा परिवार भूखा मररहा है. आप कुछ करो .... मालिक आप कुछ करो... हमे रोटी दो, हमारे पास रोटी नहि है ... हमें रोटी दो. हमारे पास रोटी नही है. मालिक हमारे पास रोटी नही है... मालिक हमारे पास रोटी नही है... मालिक हमारे पास रोटी नही है... मालिक हमारे पास रोटी नही है...
चमचाः अरे अबे अरे अबे जरा पीछे हठ... पीछे हठ... अरे अबे अरे अबे जरा पीछे हठ... पीछे हठ... पीछे हठ... पीछे हठ...
भ्रष्ट्राचारः ठीक है ... ठीक है ... इसमे क्या बडी बात है ....रोटी नहीं है तो बदाम खाओ, पीस्ता खाओ, बरफि खाओ, मलाइ खाओ, पेडे खाओ, रसमलाइ खाओ, और ऐसे शराब पीके मौज करो.. देखो हमने कभीसे दारु बंदी हटा दी है... अभी तो हमने विदेशी दारु की भि छुट्टी दे रख्खी है ... अबे चमचे... इसको जरा दारु दो... देखो हमारी पार्टी महात्मा गांधीकी पार्टी है, हम तूम गरीबोकी सेवा करने से कभी पीछे नही हटेंगे. हम तुम गरीबोकी सेवा करनेको कृतनिश्चयी है. हमारे संतान भी गरीबोंकी सेवा करते ही रहेंगे. हमारे पौत्र भी गरीबोंकी सेवा करते ही रहेंगे, हमारे सभी पौत्र प्र-पौत्र और उनके भी प्रपौत्र सब यावत चंन्द्र दिवाकरौ आप गरीबोंकी सेवा करते ही रहेंगे सेवा करते ही रहेंगे सेवा करते ही रहेंगे
(भ्रष्टाचार दारु पीते पीते सो जाता है)
चमचाः गरीबो अमर रहो... गरीबो अमर रहो... गरीबो अमर रहो... गरीबो अमर रहो... गरीबो अमर रहो... (गरीबसे बोलता है) अभी तूम बाद मे आना. अभी मालीक थक गए है, और वे शोच रहे है. उनको दिस्टर्ब करना नही..भ्ा
भ्रष्टाचार (थोडी देरके बाद जगता है और फिर घूमने लगता है); हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं ..... , हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा...मैं भ्रष्टाचार हूं ..... हा....हा.... हा....हा....हा... मैं भ्रष्टाचारहूं ..... , मैं भ्रष्टाचारहूं ..... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं ... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं ... इलेक्सन आया है तो मैं आपकी सेवामें आया हूं.
चमचाः मालिक आपसे एक युवाक मिलना चाहता है.
भ्रष्टाचारः बूलाओ.
युवक आता है और बोलता हैः सर मुझे काम चाहिए. मैं बेकार हूं.
भ्रष्टाचारः देख बे चमचे, मेरी कुर्सीके नीचे कुछ होगा. उसको दे दे.
चमचा कुर्सीके नीचे से एक भूंगळ निकालता है. चमचा युवकको देता है. युवक उसको प्रेक्षकोंके सामने खोलता है. उसमे लिखा होता है.
सर्वोदयवाद जिन्दाबाद. चमचा उसके और साथीयोंके साथ पांच दफा उंची आवाज से बोलता है "सर्वोदयवाद जिन्दाबाद"
युवक कुछ निराशा दिखाता है.
भ्रष्टाचारः उसको एक दुसरा दे दे. मेरी कुर्सीके नीचे कुछ होगा. उसको दे दे.
चमचा कुर्सीके नीचे से एक भूंगळ निकालता है. चमचा युवकको देता है. युवक उसको प्रेक्षकोंके सामने खोलता है. उसमे लिखा होता है.
समाजवाद जिन्दाबाद. चमचा उसके और साथीयोंके साथ पांच दफा उंची आवाज से बोलता है "समाजवाद जिन्दाबाद"

युवक फिरभी कुछ निराशा दिखाता है.
भ्रष्टाचारः उसको एक और दुसरा दे दे. मेरी कुर्सीके नीचे कुछ होगा. उसको दे दे.
चमचा कुर्सीके नीचे से एक भूंगळ निकालता है. चमचा युवकको देता है. युवक उसको प्रेक्षकोंके सामने खोलता है. उसमे लिखा होता है.
लोकशाही समाजवाद जिन्दाबाद. चमचा उसके और साथीयोंके साथ पांच दफा उंची आवाज से बोलता है "लोकशाही समाजवाद जिन्दाबाद"

युवक फिरभी कुछ निराशा दिखाता है.
भ्रष्टाचारः उसको एक और दुसरा दे दे. मेरी कुर्सीके नीचे कुछ होगा. उसको दे दे.
चमचा कुर्सीके नीचे से एक भूंगळ निकालता है. चमचा युवकको देता है. युवक उसको प्रेक्षकोंके सामने खोलता है. उसमे लिखा होता है.
ज्यादा पेड लगाओ, पानी बचाओ. चमचा उसके और साथीयोंके साथ पांच दफा उंची आवाज से बोलता है "ज्यादा पेड लगाओ, पानी बचाओ"
युवक निराश हो जाता है.
चमचाः मालिकि इस युवकको तो अभी भी कुछ समझाइ देता नही है. क्या करेंगे?


भ्रष्टाचारः उसको एक और दुसरा दे दे. मेरी कुर्सीके नीचे कुछ होगा. उसको दे दे. अबकी बार कुछ अच्छा होगा.
चमचा कुर्सीके नीचे से एक भूंगळ निकालता है. चमचा युवकको देता है. युवक उसको प्रेक्षकोंके सामने खोलता है. उसमे लिखा होता है. गरीबी हटाओ.. अबकी हम आये हैं नई रोशनी लाये हैं. चमचा उसके और साथीयोंके साथ पांच दफा उंची आवाज से बोलता है "गरीबी हटाओ.. अबकी हम आये हैं नई रोशनी लाये हैं."
युवक निराश हो जाता है. चला जाता है.
चमचा; मालिक यह तो चला गया.
भ्रष्टाचारः जाने दो. इतना समझाया लेकिन समझता नहीं है.
चमचा; पागल था नहीं तो और क्या?
चमचा थोडा घुमके आता है. और बोलता है. मालिक आपसे एक नवयुवक मिलना चाहता है. मंत्रीश्रीका सुपूत्र है.
एक शुटेड बुटेड लडका आता है.
युवकः सर, मुझे एक फैक्टरी डालनी है. परमिट चाहीये.
चमचाः कौनसी फैक्टरी डालनी है?
युवकः मुझे "फा इ व इन वन" की फेक्टरी डालनी है.
चमचाः ये फैव इन वन क्या हो ता है?
यवकः फाइव इन वन मतलब एक में पांच
चमचाः मतलब?
युवकः रेडियो, टेप रेकोर्डर, फोन, फोटो केमेरा और टीवी सब फेसिलिटी एक में ऐसा युनिट मै बनाना चाहता हूं
चमचाः इससे क्या फायदा? इससे तो किमत बढ जायेगी.
युवकः अरे ऐसा नहीं है और हम होने भी नहीं देंगे.
चमचाः वो कैसे?
युवकः वह आपको कहां देखन है? आप सिर्फ हमें लायसन्स दे दिजिये और लोनके लिए सिफारीस कर दिजिये.
भ्रष्टाचारः कैंची चलाके बोलता है और हमारा?
युवकः यह कोई कहने की बात है? आखीर मैं मंत्रीका पूत्र हुं
चमचाः लेकिन तुम्हारे पास कोइ डीग्री, सर्टीकफीकेट, अनुभव...
युवकः है न... मेरे पास इलेक्ट्रोनिक इक्वीपमेंट ओपरेशनल नोलेज है.
चमचा; मतबलब?
युवकः यह जो फा इ व इन वन है वह विजाणु उपकरन है मतलब कि, इलेक्ट्रोनीक इक्वीपमेंट. उसको चलाना मुझे आता है. मतलब ओपरेशनल ग्यान मुझे है.
ऐसा सर्टीफिकेट मैं ला दुंगा. आपको तो सर्टीफिकेट ही चाहियेना?
भ्रष्टाचारः अरे चमचेजी, उसको परमीट हर हालतमें देना है. और लोन भी दिलवाना है. इसिलीये तो हमने बेंकोका राष्ट्रीयकरण कीया है?
चमचाः अगर यह लडका फा इ व इन वन बना नहीं पाया तो?
भ्रष्टाचारः तो हम फेक्टरीको आग लगवा देंगे और बोलेंगे सब कुछ जल गया. मशीनरी जल गयी और हिसाब किताब भी जल गये.
फिर गर हंगामा हुआ तो एक कमिटी बैठा देंगे. कमिटी कमिटी का काम करेगी और हम इसका राष्ट्रीयकरण कर देंगे.
चमचाः जैसे "जनता कार मारुती" का कीया था वैसा?
भ्रष्टाचारः ठीक वैसा ही.
सुत्रधार: (शायकको); अब आयी बात समझमें? आयी न.
सहायकः बिलकुल समझमे आ गई... बात बिलकुल समझमे आ गई... बात बिलकुल समझमे आ गई...
चमचा: (युवकसे) जा... तुम्हारा काम हो जायेगा. (युवक खुश होते होते शीटी बजाता बजाता चला जाता है)
भ्रष्टाचारः अब और कोइ है?
एक आदमी आता है.
चमचाः बोलो आपको क्या काम है?
आदमीः मुझे महान बनना है, पैसे कमाने है और आपको मदद करना है?
चमचाः जब तुम्हे हमे मदद भी करना है तो यह काम तो आसान है.
भ्रष्टाचारः तुम क्या क्या कर सकते हो.
आदमीः मै सब कुछ कर सकता हूं. मैं कुस्ति कर सकता हूं, मारफाड कर सकता हूं. दंगा फिसाद कर सकता हुं, करवा सकता हूं, चोरी, डकैती, खून खराबा कर सकता हं. लेकिन
मुझे आपकी मदद चाहिये. हमारी रक्शा आप किजिए.
भ्रष्टाचारः अरे भाई, तुम जैसे लोगोंकी तो हमे जरुरत पडती ही रहेती है. लेकिन तुम्हारा प्रोब्लेम क्या है?
आदमीः मेरा प्रोब्लेम यह है कि, अगर मै ये सब चिजें करु तो महान नहीं कहेला सकता.
भ्रष्टाचारः देखो, तुम खुद न करो जबतक नौबत न आवे तुम खुद पर. ... तुम दुसरोंसे करवाओ. और महान बनने के लिये.. यानी कि नाम कमाने के लिये
साधु बाबा बन जाओ. पैसा कमाके और हमें मदद करते रहो. तुम भी हमें मदद करो धिरेन्द्र ब्रह्मचारीकी तरह, हम भी तुम्हें मदद करेंगे
आदमीः वो कैसे?
भ्रष्टाचारः पहेलेतो तुम बडे महानुभावोंकी खिलाफ बोलो जो मर गये हैं. वे जवाब देनेको तो आयेंगे नहीं.
आदमीः क्या मैं विवेकानन्द की खिलाफ बोलूं?
भ्रष्टाचारः नहिं नहीं, नहीं नहीं.. अभी साले कुछलोग ऐसे है जो समाचार पत्रोमें उसके खिलाफ छापेंगे नहीं, तुम्हें बहोत पढना पडेगा उनके खिलाफ बोलनेके लीये.
आदमी; तो क्या मैं रामचन्द्रजि और कृष्णभगवानके खिलाफ बोलुं?
भ्रष्टाचारः उनको तुम साइडमें रखो. मौका मिलने पर बोललेना. करुनानिधिकी तरह.
आदमीः तो मैं क्या करूं?
भ्रष्टाचारः महान तो हम तुम्हें बना ही देंगे. फिल्हाल तुम बिजेपी शासित रज्योंमें जाओ और वहां एक दुसरोंको झगडाओ.
हमतुम्हे सूचना देते रहेंगे.
फसादीलोग आते हैं और गाते हैं.
कोंग्रेस बोलती है अपने साथीयों के साथ्

आओ आवो यहां सब आवो,
गुन्डे आवो, लफंगे आवो,
चोर सब आवो, डकैती आवो,
जूठे आवो, लबाडी आवो,
गद्दारों, घुसणखोरो आवो,
मौकापरस्ती लालची आवो,
काले पैसे वाले सब आवो,
मदद हमारी करने आवो,
झगडा झगडी खूब करावो,
मारा मारी खूब करावो,
गरीबको अमीरसे टकरावो,
गांवो से शहरोंको टकरावो,
छूत अछूभेद बढावो,
उनको एक दूसरेसे टकरावो,
ग्यातीयोंका संमेलन योजो
एक ग्यातीसे दूसरीको टकरावो,
और बोलो, तिलक तराजु और तलवार
उसको मारो जुते चार,
दिनमें बोलो महात्माजीका नाम
रातमे करलो सुरा पान,
मूहसे बोलो अहिंसाकी बात,
चूपकेसे करलो काम तमाम
जरुर पडे इमर्जन्सी लाओ,
पूलीस तन्त्र तो है हमारा,
मिडिया को कबजेमें करलो,
दुरदर्शन तो है हमारा,
और उनसे बुलाते जाओ,
बार बार बुलाते जाओ,
गुन्डोकों हमने पकडा है,
चोरोंको हमने पकडा है
(सुत्रधार सहायकको बोलता हैः उनको किसिको पकडने का नहीं, सिर्फ बात ही फैलाने का)
... करचोरोंको हमने पकडा है
काला बजारीको हमने पकडा है
(और पैसे लेके छोड देनेका
वो किसिको बताना नहीं)
येही है तो धर्म हमारा,
यही इमान हमारा है
अर्ध शतक से …यानी पांच दशकसे करते आये
यही धन्धा हमारा है,
पूरखोंसे हमने शिखा ये
धन्धा हमारा पूराना है,
समझ सको तो बात समझ लो,
यह पैगाम हमारा है
यह भरत वर्ष हमरा है,
जबतक तुम इतिहास भूलोगे (तीन दफा बोलो) (3 times)
कौभान्ड हमारे जारी रहेंगे,
राज दिया हमको पूरखोने
यह भरतवर्ष हमारा है,
"जय हो" हमरी और हमारे
आने वाले बच्चोकोभी,
जय हो हमरे पूरखोंकी भी,
यह नारा हमरा पूराना है,
समझ सको तो बात समझ लो,
यह पंजा हमारा है,
गरीबोंकी सेवा करने को,
भारतको गरीब हि रखना है,
झोंपड पट्टी भी रखना है,
और बेकारी भी रखना है,
उन्नति भी करनी है पर भी,
पर सिर्फ हमारी करनी है,
समझ सको तो बात समझ लो,
यह पैगाम हमारा है,
यह पंजा हमारा है,
बेंको का राष्त्रीयकरण करके
पंजा हमने फैलाया था,
युनो और ये ताशकंदमें,
करार सिमलामें हमने ही,
वीर सैनेकोने जो जिता,
वही तो हमने लुटाया है,
देशपडोशी घुसमारुका
वोटबेंक बनाया है,
समझ सको तो बात समझ लो,
ये सब नूख्शे हमारे है,

महेलोंमे भी लूट चलाके
इमरजेंसीको संवारा था,
लाखु पाठक के करोड कया,
हर्शद को हमने चलाया था,
क्वात्रोची और सेंट कीटका,
प्लान भी हमने बनाया था,
तैलगी का जो फर्जी स्टेम्पका,
किस्सा नहीं पूराना है,
फिर भी हमने सत्यम को भी,
बरसो चार संवारा है,
समझ सको तो बात समझ लो,
यह नूश्खे हमारे है,
इसीलिये तो दशकोंसे हमने
कबजेमें भारत रख्खा है,
समझ सको तो बात समझ लो,
यह पंजा हमारा है,
यह पैगाम हमारा है,
लतिफ, पप्पू, राजन, शर्मा,
दाउद, सकील और भींदराना,
सबको हमने बनाया है,
जरुर पडी जब जब उनको,
तब हमने ही तो,
देश पडोशमें भेजा है,
हमने ही हर गांव शहरमें,
राजा बाबु बनाया है,
समझ सको तो बात समझ लो,
आतंकवाद हमारा है,
ये शासन हमारा है
और ये सियासत हमारी है,
सुत्रधारः देख लिया बंधु, यह है उनकी कमाल. ५० साल पहले भी कहते थे गरीबी हटाओ, और अब भी वही कहते है. ये लोग शासन के काबिल ही नहीं है,
उन्होने खुदकॉ करोडपति और अरबों पति कर लिया है. और गरीब वहींका वहीं रहा, झोपड पट्टीयां भी रही और कठीनाईयां भी रही,
अबये लोग किस मूंहसे बोलते है जय करो.
बाजपेयीजिने जो रफ्तार से नये काम हाथ लिये थे वो भी इन्होने बंद करवादीये या तो रफ्तार कम करवा दी.
इतना ही नही देश आतंक वादीयोंसे त्रस्त हो गया है, महंगाई बढ गई है और बेकारी बढ रही है,
एक तरफ विकासके कामोंका ढेर है, और ये लोग जबतक एड्वान्समें पैसे मिलते नहीं तबतक करवाते नही है, दुसरी तरफ बेकारी है. ये तो ऐसी बात है कि, दूध बिगड रहा है और दहिकी कमी है.
बेकारी और विकास के कामोंको जोडना इनलोगोंको आता नहीं है
क्योंकी इनके पास न तो द्रष्टि है न तो निष्ठा है.
इनको सिर्फ खूदकी उन्नति करनी है
तो हम १०००० साल पूराने भारत वर्ष का गौरव स्थापित करना चाहते. जय हमें भारत माताकी करनी जहै बोलो भरतमाता की जय.

सबलोग साथमें गाते है अपने नोर्मल ड्रेसमें
एक नया इतिहास रचे हम एक नया इतिहास रचे हम
धाराके प्रतिकुल नाव रखें हम एक नया इतिहास रचें हम

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जगहः ३o' – ३o-' नौटंकी के लिये
सामग्री; ४' - ६' साइझ का या थोडा बडा टेबल. जिसके उपर तीन व्यक्ति बैठ सके और एक व्यक्ति उसी टेबल के उपर ठाटसे बैसे
कूर्सीयां; तीन
कागजसे बनी टोपीयां
उसके उपर लिखो;
ढोंग्रेस, फासफुसीया, माफिया, मारफाडीया, नारदीया, ४२०, दाणचोरीया, तोडफोडीया, घुसणखोर, अलेल टप्पु, नादान, चक्रम, लबाडी, नीचकोटी, रिश्वतखोर, पेटु, देशद्रोही, लघु द्रष्टी, बेखबर पत्री,
आयारामा - गयाराम
भारतप्रेमी, देशप्रेमी, कमल, सुसंस्कृत, दूरदर्शी, यूवाशक्ति,
प्लेकार्ड बनावोः ड्राइवर, बेकसीट ड्राइवर, चमचा मंडल,
मजबूत रस्सी २००'
पात्रगण; पुरुषगण = कमसे कम १०
महिला = कमसे कम २ (महिलाका पात्र पूरुष कर सकते है)
ज्यादासे ज्यादामें कोई मर्यादा नहीं.